Ba 1st year Hindi Literature notes pdf download // ba 1st year most important questions 2023 // b.a. 1st year important question hindi
Unit -3
लघु एवं तरी प्रश्नोतर
प्रश्न- 1. पारिभाषिक शब्दावली का अर्थ, आवश्यकता एवं हिन्दी पारिभाषिक शब्दावली के खोत पर लेख लिखिये।
उत्तर- ये शब्द जो अनेक प्रकार के वैज्ञानिक
अध्ययनों के आधार भूत शास्त्रों एवं तकनीकों की निश्चित रचना प्रक्रिया, प्रयोग की निश्चित की हुई 'विद्या' का प्रतिपादन करते हैं, पारिभाषिक शब्द कहलाते हैं। इन्हीं शब्दों के आधार पर किसी विशेष
विषय की परिभाषा, रचनावृद्धि आदि तत्वों का विश्लेषण किया
जाता है। यह शब्दावली हमारे दैनिक जीवन से अलग होती है। दैनिक व्यवहार की भाषा में
हम पेट के लीवर की जगह जिगर शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं पर तकनीकी भाषा में लीवर ही
मान्य होगा।
पारिभाषिक शब्दावली की आवश्यकता- भारत 150 वर्षों तक परतंत्र रहा। विदेशी हमलावरों ने भारत पर शासन किया।
विदेशी शासन काल में सत्ताधीशों ने अपने हिसाब से शासन का काम चलाया अतः उनके
धार्मिक क्रियाकलाप एवं उनकी भाषा ने भारत की संस्कृति को प्रभावित किया मुस्लिम
शासकों ने अरबी-फारसी और उर्दू से काम चलाया। अंग्रेजों ने अपना साम्राज्य मजबूत
करने के लिये ईसाई धर्म और अंग्रेजी भाषा के प्रचार- प्रसार पर जोर दिया। इससे
हिन्दी भाषा में फारसी और अंग्रेजी को अनेक प्रचलित शब्द मिलते चले गये। भारत सदा
से उदार देश रहा है। अतः भारत ने अनेक देशों की संस्कृति, भाषा और जीवनशैली को अपने आप में समाहित कर लिया। भारत की स्वतंत्रता
के बाद अनेक क्षेत्रों में परिवर्तन हुये इसी कारण हिन्दी की शब्दावली में बहुत से
परिवर्तन अति आवश्यक हो गये। स्वतंत्रता के बाद हिन्दी को राष्ट्र भाषा का गौरव
प्राप्त हुआ।
राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के
कार्य सम्पन्न करने एवं उच्च शिक्षा के लिये हमने हिन्दी भाषा को मानक रूप देने के
विभिन्न प्रयास किये हैं। यह कार्य तभी सम्भव था जब हमारी भाषा का शब्द भण्डार
विशाल हो तथा उसके माध्यम से हम विश्व पर अपने विचारों का - आदान-प्रदान कर सकें।
इसके लिये पारिभाषिक शब्दावली तैयार की गई जिससे, सारे विवादों से बचाकर, किसी बात को एक निश्चित स्वरूप दिया जा सके, जो सर्वमान्य हो, जिसमें कभी फिर कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता न पड़े। शब्दों का
अर्थ बदल गया तो शब्दों का पारिभाषिक ढाँचा उपयोगहीन होकर ढह जायेगा। पारिहाधिके शब्दों
के माध्यम से ही विश्व के अध्ययन तथा विचार विनिमय में समर्थ हो पाते हैं। शास्त्रों एवं विज्ञान का
विश्वस्तर पर अध्ययन बोलचाल की भाषा में सम्भव नहीं है। मानवीय विकास के विभिन्न
आयाम होते हैं। वर्तमान में प्रेरणा देने के लिये भविष्य का चिन्तन करते हुये
हमारे सामने विशाल लक्ष्य होना चाहिये जिसे देख-समझकर हम अपने आचरण और व्यवहार को
प्रेरक बना सकें।
हिन्दी पारिभाषिक शब्दावली के स्त्रोत
पारिभाषिक शब्दों के निर्माण के समय हमें बहुत सावधानी बरतना चाहिये। पारिभाषिक
शब्दों के निर्धारण के लिये अग्रलिखित साधनों का विस्तार से अध्ययन किया जाना
चाहिये-
(1) संस्कृत- संस्कृत भाषा में मानव जीवन के उच्चतम
आयाम छिपे हैं जिन्हें प्राप्त करके व्यक्ति महामानव बनते रहे हैं। विज्ञान की सभी
सीमायें जहाँ समाप्त हो जाती हैं, भारतीय दर्शन वहाँ से हमारे सामने अयतारों की श्रृंखला प्रस्तुत करता
है। विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान रखने वाले अनेक देश भी हमारे अवतारों के
कार्यों के विश्लेषण में लगे हैं। विश्व के पारिभाषिक शब्द मूल ज्ञान की ओर ले
जाने के लिये ही सृजित किये जाते हैं। मातृ से मदर, पितृ से फादर, भ्रात से ब्रदर की पारिभाषिक रचना वह प्रारम्भिक पथ है जहाँ से हम
विश्व चेतना की ओर बढ़ते हैं। संस्कृत की वैज्ञानिकता को आज सारा विश्व मानता है।
मंत्रों, तंत्रों और यंत्रों की क्षमता के सामने
विज्ञान ने कई बार, कई जगह नतमस्तक होकर संस्कृत भाषा के
प्रभुत्व को स्वीकार किया है।
(2) अन्य भारतीय भाषाओं में भारत एक विशाल चिन्तन, चेतना और विकास का स्वरूप है। हमारे देश में अनेकता में एकता है।
भारत में अनेक धर्म एवं भाषायें हैं। भारत में अनेक भाषाओं का प्रचुर साहित्य
विद्यमान है जैसे हिन्दी, बंगला, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और असमिया आदि। इन भाषाओं के
सहयोग से अंग्रेजी के हिन्दी पर्याय शब्दों का निर्माण किया गया है। इसीलिये भारत
को उपमहाद्वीप माना गया है।
(3) विदेशी भाषाओं भारत विश्व का प्राचीनतम देश है विदेशों
की विभिन्न संस्कृति, भाषा, ज्ञान और जीवन दर्शन को भारत आत्मसात करता रहा है। हमारी पारिभाषिक
शब्दावली के निर्माण में अरबी, फारसी, अंग्रेजी एवं पुर्तगाली भाषाओं ने बहुत
योगदान दिया है। जैसे वाइन के लिये 'शराब' कम्पनशेसन के लिये 'मुआबजा', कोर्ट के लिये 'कचहरी' या 'अदालत', इंटिंग के लिये 'शिकार' और टेबिल के लिये 'मेज' आदि।
(4) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ज्ञान-विज्ञान, भौतिक अभौतिक विकास के साथ - कदम मिलाकर चलने और उससे आगे के आयाम
व्यक्त करने के लिये पारिभाषिक शब्दों की आवश्यकता होती है। जिन शब्दों के लिये
नया शब्द नहीं बन पाता है उन्हें वैसा ही स्वीकार कर लिया जाता है और ये शब्द आम
जीवन में प्रचलित हो जाते हैं। मंत्रों को मूल रूप में स्वीकार कर लिया गया है
क्योंकि उनके वैज्ञानिक प्रयोग से उनके प्रभाव को स्वीकृति प्रदान की गई है।
हॉस्पिटल (अस्पताल), कोड, कोर्ट, पोस्ट ऑफिस, स्टेशन, स्कूल, लालटेन ( लेनटन), ट्रेन, बस, स्पुतनिक, टिकिट, फुटबॉल, क्रिकेट, मार्केट आदि ऐसे ही शब्द हैं जो अंग्रेजी से जैसे के तैसे हिन्दी में
आत्मसात कर लिये गये हैं तथा हिन्दी में पारिभाषिक रूप में स्वीकृत किये गये हैं।
प्रश्न- 2. प्रशासनिक, वैज्ञानिक, एवं वाणिज्यिक क्षेत्र की पारिभाषिक शब्दावती का परिचय दीजिये।
उत्तर- ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की
पारिभाषिक शब्दावली निम्नानुसार प्रस्तुत है-
प्रशासनिक शब्दावली
प्रश्न- 3. विज्ञान, तकनीक, प्रशासन, न्याय तथा मानविकी क्षेत्र के दस-दस पारिभाषिक देखभाल करने वाला सनदी लेखाकार मुख्य सचेतक अंतरंग लिपिक काउन्टर क्लर्क मुद्रा अधिकारी दफ्तरी प्रेषक लिपिक निबटान अधिकारी आर्थिक सलाहकार खाता लिपिक निम्न लिपिक टकसाल अधीक्षक नेगी कार्य लिपिक आशुलिपिक आशु टंकक भण्डारी खजची कोषाध्यक्ष शब्द लिखिये।
उत्तर- विज्ञान- अम्लता (Acidity), कोशिका (Cell),
दशमलव (Decimal), रोग निदान (Diagnosis), जीवाश्म (Fossil),
तंत्रिका (Nerve), पोषण (Nutrition),
उक (Tissue), आवृत्ति (Frequency),
अनुवांशिकी (Genetics) तकनीकी- प्रौद्योगिकी (Technology), संगणक (Computer),
प्रतिजैविक (Antibiotic),
दूरदर्शन (Television), कक्षा (Orbit), विकिरण (Radiation),
उपग्रह (Satellite),
दूरसंचार (Tele-communication), जनित्र (Generator), यांत्रिक (Mechanical) प्रशासनिक संवर्ग (Cadre ), निदेशक (Director)
अनुदान ( Grant ), ज्ञापन (Memorandum),
अधिसूचना (Notification), सचिव (Secretary), अधीनत्य (Subordinate),
कुलपति (Chancellor), अन्तरिम (Interium),
पृष्ठांकन (Endrosement)
न्यायिक अधिनियम (Act), अधिवक्ता (Advocate), मध्यस्थ (Arbitrator),
जमानत (Bail), शपथ-पत्र (Affidavit ), दावा (Claim),
न्यायालय (Court), एकपक्षीय (Exparte), वैध (Legal),
दण्डाधिकारी (Magistrate) मानविकीय- अपमिश्रण (Adultration), तुष्टिकरण (Appeasement), मंत्रिमण्डल (Cabinet ), नागरिकता (Citizenship), कर्त्तव्य (Duty), नियोक्ता (Employer), संसद (Parliament),
साक्षरता (Literacy), आरक्षण (Reservation), संविधान(Constitution)
